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रांची में जन आक्रोश रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुए गहमा गहमी पर आज़ाद समाज पार्टी की आई तीखी प्रतिक्रिया सामने, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपाइयों को घेरा

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23 अगस्त 2024 को रांची के मोरहाबादी मैदान में भाजपा के बैनर तले ‘भाजयुमो’ की आक्रोश रैली के दौरान, भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस बल के बीच की घटना सामने आई है। इस पर आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रदेश अध्यक्ष, काशिफ रज़ा ने भाजपा की कड़ी आलोचना की है। काशिफ रज़ा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का यह कृत्य पूरी तरह प्रजातंत्र को राजशाही में बदलने का एक घातक प्रयास है।

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उन्होंने राज्य की गठबंधन सरकार की भी आलोचना की, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार को स्थिति नियंत्रित करने में विफल बताया हैकाशिफ रज़ा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में मुसलमानों, सिखों और किसानों को कपड़ों से पहचानने की बात करते हैं, लेकिन जब उनकी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कानून को हाथ में लेते हैं, तो प्रधानमंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती।

यह भाजपा की तानाशाही मानसिकता का परिणाम है, जो देशभर में दिखाई दे रहा है। झारखंड की जनता भी भाजपा की इस गुंडागर्दी को देख रही है और आगामी चुनावों में इसका जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है।

मुसलमानों, दलितों, ईसाइयों, और सिखों पर ज़ुल्म बढ़ रहा है, और उनके घरों को बिना किसी कारण के बुलडोज किया जा रहा है। काशिफ रज़ा ने कहा कि भाजपा को आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम), भीम आर्मी, और बहुजन दलों से आंदोलन करना सीखना चाहिए, जो कि बिना हिंसा के अपनी बात रखते हैं। काशिफ रज़ा ने झारखंड के राज्यपाल से अपील की कि इस मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि भाजपा के जिन विधायकों और सांसदों की इस घटना में सहभागिता रही है, उनकी संवैधानिक सदस्यता रद्द की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।