मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में मची भगदड़, कई श्रद्धालु की हुई मौत, 200 से अधिक घायल
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में अमृत स्नान के लिए उमड़ पड़े, लेकिन बुधवार तड़के भीड़ नियंत्रण में चूक के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जिन्हें ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से केंद्रीय चिकित्सालय महाकुंभ में भर्ती कराया गया। बता दें कि सुबह साढ़े सात बजे तक 14 से ज्यादा मर्चरी में लाशें पहुंचाई जा चुकी थीं, लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

लेकिन प्रशासन की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 200 से अधिक श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। 40 से अधिक एंबुलेंस के माध्यम से घायलों और मृतकों को केंद्रीय अस्पताल लाया गया। रात से ही संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा था, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। हालात बिगड़ते देख अखाड़ा परिषद ने तत्काल अमृत स्नान स्थगित करने का निर्णय लिया। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंभीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगातार संपर्क में बने रहे और सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं, वहीं मेला क्षेत्र में नई व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस समय प्रयागराज में करीब 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं और संगम तट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जबरदस्त दबाव बना हुआ है। मौनी अमावस्या पर सुबह 8 बजे तक 2.78 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। हालांकि, भगदड़ की स्थिति बनने के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई और स्नान के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। प्रधानमंत्री मोदी लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं और अब तक चार बार मुख्यमंत्री से चर्चा कर चुके हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अखाड़े अब भीड़ कम होने के बाद ही अमृत स्नान करेंगे ताकि अव्यवस्था न हो। प्रशासन ने सुबह 10 बजे से स्नान दोबारा शुरू करने की घोषणा की है और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। महाकुंभ में आस्था और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, और सरकार अब भीड़ नियंत्रण के नए उपायों पर काम कर रही है ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और उनकी सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकें।
