मारबर्ग वायरस: Corona और HMPV के बाद एक नई बीमारी
Azad reporter news desk: मारबर्ग वायरस एक अत्यधिक संक्रामक और घातक वायरस है, जो इबोला की तरह ही फैलता है। यह वायरस अफ्रीकी चमगादड़ों से उत्पन्न होता है और संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है।मारबर्ग वायरस पहली बार 1967 में जर्मन शहर मारबर्ग में पहचाना गया था। तब से, यह वायरस अफ्रीका में कई घातक प्रकोप उत्पन्न कर चुका है, जिनमें से कुछ में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है।मारबर्ग वायरस के लक्षण और उपचारबुखार, मांसपेशियों में दर्द,दस्त,उल्टी,अत्यधिक रक्त हान,मानसिक स्थिति में बदलावफिलहाल, मारबर्ग वायरस के लिए कोई अधिकृत उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ और अन्य स्वास्थ्य संगठन मारबर्ग वायरस के लिए उपचार और टीके विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं।मारबर्ग वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सावधानियांमारबर्ग वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों का पालन करना चाहिए।
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संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचना,दूषित सतहों के संपर्क में आने से बचना,सुरक्षित दफन प्रक्रियाओं का पालन करना,स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षित उपकरण प्रदान करना,जनसंख्या को जागरूक करना और उन्हें सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना,मारबर्ग वायरस एक घातक और संक्रामक वायरस है, जो इबोला की तरह ही फैलता है। यह वायरस अफ्रीकी चमगादड़ों से उत्पन्न होता है और संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है। मारबर्ग वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों का पालन करना चाहिए।