संविधान की कॉपी लेकर देश भ्रमण करने वाले राहुल गांधी अपने आलाकमान को संविधान द्वारा दी गई विशेष अधिकार की जानकारी साझा करना शायद भूल गए ?

Desk 2:- Zaid Rahman
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस कोटे से चार मंत्रियों ने शपथ ली है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके विभागों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इसी बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया है, जिसमें कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के विभागों का उल्लेख किया गया है।
इस पत्र के सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे संविधान के खिलाफ करार दिया है। संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार, मंत्रियों के विभाग आवंटित करने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री के पास होता है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा पहले से विभागों की सूची जारी करना संवैधानिक परंपराओं के विपरीत माना जा रहा है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने कहा है कि संविधान की बात करने वाले खुद उसके प्रावधानों को भूल रहे हैं।
इस विवाद पर कांग्रेस ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। परंतु झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र को सही स्वीकारा है। वहीं, झारखंड के राज्यपाल द्वारा अभी तक इस सूची को मान्यता नहीं दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आगे बढ़ सकता है और संवैधानिक बहस का मुद्दा बन सकता है।
“आजाद रिपोर्टर” ने भी इस सूची को तब तक मान्यता नहीं दी है जब तक राज्यपाल की स्वीकृति नहीं मिल जाती।