झारखंड का जल वरदान!!मयूराक्षी जलाशय, जो हजारों हेक्टेयर भूमि को करता है सिंचित…

Jharkhand: झारखंड के दुमका जिले में स्थित मयूराक्षी जलाशय न केवल राज्य की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में से एक है बल्कि यह राज्य के समावेशी और टिकाऊ विकास का प्रतीक भी है। मसानजोर और बीरभूम की सीमा पर स्थित यह जलाशय हजारों किसानों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा है।
इस परियोजना की शुरुआत वर्ष 1951 में हुई थी और वर्ष 1985 में इसका निर्माण कार्य पूरा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में सिंचाई सुविधा को सुदृढ़ करना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना था। वर्तमान में यह परियोजना लगभग 2,50,860 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करती है जिससे झारखंड के अनेक क्षेत्रों में खेती को नया जीवन मिला है।
प्रमुख विशेषताएं—
कुल लंबाई: लगभग 661.58 मीटर
अधिकतम ऊंचाई: लगभग 47.25 मीटर
सिंचाई क्षमता: 2.5 लाख हेक्टेयर से अधिक
मयूराक्षी जलाशय न केवल कृषि क्षेत्र में उपयोगी है बल्कि यह बकरेश्वर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए जल आपूर्ति भी करता है जिससे यह औद्योगिक विकास में भी सहायक है।
इसका राष्ट्रीय महत्त्व इस बात से समझा जा सकता है कि यह परियोजना जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और टिकाऊ विकास का उदाहरण है। यह दिखाता है कि यदि जल जैसी अमूल्य संपदा का समुचित उपयोग किया जाए तो वह एक राज्य को खुशहाल और आत्मनिर्भर बना सकती है।
मयूराक्षी जलाशय आज झारखंड की पहचान बन चुका है और आने वाले वर्षों में यह राज्य के विकास की गति को और तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।