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भारतीय रेलवे में 100 साल बाद सबसे बड़ा बदलाव, ब्लूप्रिंट तैयार; अब ट्रेनें दौड़ेंगी और ज्यादा तेज़, सफर होगा पहले से ज्यादा सुरक्षित…

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Azad Reporter desk: भारतीय रेलवे में 100 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम की रीढ़ माने जाने वाले रेलवे की अब पूरी रूपरेखा बदलेगी। रेलवे बोर्ड एक नया ब्लूप्रिंट तैयार कर रहा है जिसमें ट्रेनों की गति बढ़ाने और सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।

इस बदलाव के तहत रेलवे अपनी 100 साल पुरानी ट्रेन नियंत्रण प्रणाली को पूरी तरह आधुनिक तकनीक से अपग्रेड करेगा। Advanced Decision Support System पर आधारित यह योजना ट्रेनों के संचालन समय पर आवागमन और सुरक्षा को नए स्तर पर पहुंचाएगी।

रेलवे अब Integrated Command Centre की स्थापना करने जा रहा है जो सभी संचालन विभागों को एक साथ जोड़ेगा।

यह कमांड सेंटर ट्रेनों के मूवमेंट मैनेजमेंट रूट प्लानिंग और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तेज़ और सटीक निर्णय ले सकेगा। इससे मैन्युअल कंट्रोल सिस्टम की आवश्यकता कम होगी और ट्रेन कंट्रोलर पर पड़ने वाला दबाव भी घटेगा।

हाल के समय में ट्रेन लेटलतीफी, दुर्घटनाएं और भीड़भाड़ जैसे मुद्दे लगातार सामने आ रहे थे। इन समस्याओं से निपटने के लिए रेलवे एक व्यापक ओवरहालिंग की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत ट्रेनों को और तेज़ सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में काम होगा।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक भारत इस नई प्रणाली को लागू करने से पहले जापान, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, रूस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के रेलवे मॉडल का अध्ययन करेगा। हालांकि भारत की भौगोलिक और परिचालन जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए सीधा कोई मॉडल अपनाना संभव नहीं है।

नया युग शुरू करने को तैयार है रेलवे:
भारतीय रेलवे की यह पहल भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की जा रही है ताकि लंबी दूरी की ट्रेनों मालगाड़ियों और अर्ध-उच्च गति वाली ट्रेनों का संचालन एक सुव्यवस्थित और सुरक्षित ढंग से हो सके।

यह बदलाव न केवल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाएगा बल्कि यात्रियों को एक आधुनिक सुरक्षित और सुविधाजनक सफर का अनुभव भी देगा। आने वाले समय में रेलवे का चेहरा पूरी तरह बदलने वाला है।