बालूमाथ मॉब लिंचिंग 2016 केस के मुख्य गवाह की संदिग्ध मौत!! हादसा या साज़िश? सोशल वर्कर अफज़ल अनीश ने की निष्पक्ष जांच की मांग…

Azad Reporter desk/Jharkhand: क्या यह महज़ एक सड़क हादसा है या किसी साजिश का हिस्सा? झारखंड के लातेहार ज़िले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के आरा आरा गांव निवासी आज़ाद ख़ान का शनिवार को एक संदिग्ध सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। आज़ाद वही व्यक्ति थे जिनका 12 वर्षीय बेटा इम्तियाज़ ख़ान और मज़लूम अंसारी 2016 के चर्चित बालूमाथ मॉब लिंचिंग केस में भीड़ की हैवानियत का शिकार बना था। आज़ाद ख़ान इस मामले के इकलौते चश्मदीद गवाह थे जिनकी गवाही पर दोषियों को उम्रकैद की सज़ा हुई थी।

घटना सुबह करीब 6:30 से 7:30 बजे के बीच की है। आज़ाद ख़ान अपनी लूना गाड़ी से हाट जाने के लिए निकले थे। रास्ते में वे सड़क किनारे किसी व्यक्ति से बात कर रहे थे। तभी एक बोलेरो गाड़ी तेज़ रफ़्तार से सामने से आई और सड़क छोड़कर कच्चे रास्ते पर चढ़ गई और उन्हें सीधे टक्कर मारी। टक्कर इतनी तेज थी कि आज़ाद ख़ान की मौके पर ही मौत हो गई। बोलेरो में दो लोग सवार थे जो टक्कर मारने के तुरंत बाद वाहन वहीं छोड़कर भाग निकले। फिलहाल गाड़ी जब्त कर ली गई है।

गौर करने वाली बात यह है कि कुछ ही समय पहले आज़ाद ख़ान ने जिन आरोपियों को कोर्ट में गवाही देकर उम्रकैद की सज़ा दिलाई थी उन्हें हाईकोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है। और अब अचानक से आज़ाद ख़ान की सड़क हादसे में मौत क्या वाकई यह महज़ एक इत्तेफाक है?

अब सोशल वर्कर अफज़ल अनीश ने इस हादसे को लेकर सवाल उठाए हैं और सोशल मीडिया के जरिए इसे महज एक एक्सीडेंट न मानते हुए इसे साज़िश भी होने की संभावना जताई है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन वाहिद ख़ान, वाइस चेयरमैन शमशेर आलम और ज्योति माथारू से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है।
अब देखना यह होगा कि क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होती है या नहीं।