1000204695

सरायकेला में महिलाओं के अधिकारों पर खास फोकस, POSH अधिनियम कार्यशाला में उठे सवाल…

खबर को शेयर करें
1000204695

Jharkhand: सरायकेला के समाहरणालय परिसर स्थित झारनेट सभागार में ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान’ के तहत महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 यानी POSH अधिनियम पर एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मकसद था कि कार्यस्थल को महिलाओं के लिए सुरक्षित, बराबरी वाला और सम्मानजनक बनाया जा सके।

कार्यशाला का संचालन डॉ. सुनीता ठाकुर और शालिनी शर्मा (जागोरी, नई दिल्ली) ने किया। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को POSH कानून की जानकारी दी गई और बताया गया कि इसे सही तरीके से कैसे लागू किया जाए।

कार्यशाला में यह भी समझाया गया कि सिर्फ कानून जान लेना काफी नहीं बल्कि सोच और व्यवहार में भी बदलाव लाना जरूरी है। कार्यस्थल पर महिलाओं को सम्मान देने और यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

कार्यशाला के बाद कई अहम बातें सामने आईं। इसमें यह तय किया गया कि हर विभाग में जो इंटरनल कमेटी (ICC) होती है उसे और ज्यादा मजबूत और एक्टिव किया जाएगा। इसके अलावा तकनीकी सहायता के लिए SMS सिस्टम की शुरुआत करने की भी योजना बनी ताकि शिकायतों पर जल्दी कार्रवाई हो सके।

इस तरह की कार्यशालाएं समाज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही हैं।