रिश्तों का तनाव बना युवाओं की मौत की बड़ी वजह, भारत में 50% आत्महत्याएं प्यार, परिवार और शादी से जुड़ी: NCRB…

Azad Reporter desk: भारत में 15 से 29 वर्ष की उम्र के युवाओं में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में होने वाली युवाओं की आत्महत्या की लगभग 50% घटनाएं पारिवारिक कलह, प्रेम-प्रसंग और शादी से जुड़ी परेशानियों के कारण हो रही हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी किए एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल बीच 18 से 30 वर्ष की उम्र के युवाओं में आत्महत्या का मुख्य कारण रिश्तों से जुड़ी समस्याएं रहीं।
इनमें—
•32.4% आत्महत्याएं पारिवारिक समस्याओं के कारण हुईं
•8% प्रेम संबंधों की वजह से और
•7.5% विवाह से जुड़ी परेशानियों के कारण।
विवाह से जुड़ी आत्महत्याओं में 28% मामले दहेज से संबंधित थे और इन मामलों में आत्महत्या करने वालों में से 93% महिलाएं थीं।
युवाओं में आत्महत्या सबसे बड़ी चिंता
भारत के महापंजीयक की रिपोर्ट के अनुसार 15-29 आयु वर्ग में 17.1% मौतें आत्महत्या के कारण हुईं जबकि यह आयु वर्ग कुल जनसंख्या की मौतों में केवल 5% हिस्सा रखता है। इसका मतलब यह है कि युवाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण आत्महत्या बन चुका है जो अधिकतर मामलों में रोकी जा सकती है।
इस उम्र के युवाओं में मृत्यु के अन्य प्रमुख कारणों में सड़क दुर्घटनाएं, हृदय रोग (9.8%), गिरना या डूबना (8.7%) जैसे अनजाने हादसे शामिल हैं। लेकिन आत्महत्या अब भी सबसे ऊपर है।
आत्महत्या के मामलों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से थोड़ी अधिक है। युवा महिलाओं में आत्महत्या का आंकड़ा 18.2% था जबकि पुरुषों में यह 16.3% रहा। हालांकि समय के साथ यह अंतर कुछ हद तक कम हुआ है।
भारत में 15-29 वर्ष के बीच हर साल 60,700 से ज्यादा युवा आत्महत्या करते हैं। यह आंकड़ा चीन की तुलना में छह गुना ज्यादा है जबकि चीन की युवा आबादी भी भारत से कम नहीं है।
भारत में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 15.7 की आत्महत्या दर है जो इसे दुनिया में दसवां सबसे अधिक आत्महत्या दर वाला देश बनाती है।