झारखंड में कुछ इस तरह बारिश बनी आफत, बहा ले गई कई जिन्दगियां, डैम भी उफान पर, चारों ओर सिर्फ तबाही ही तबाही, देखें पूरी रिपोर्ट…

Jharkhand: झारखंड में हो रही लगातार बारिश अब लोगों के लिए राहत नहीं बल्कि आफत बनकर आई है। राज्य के कई जिले जलमग्न हो चुके हैं रास्ते टूट गए हैं मकान गिर गए हैं और कई जगहों पर लोगों की जान भी चली गई है। एक नजर डालते हैं गुरुवार को हुई तेज बारिश और उसके असर पर जिसने पूरे झारखंड को हिला कर रख दिया।
राजधानी रांची समेत खूंटी, चक्रधरपुर, जमशेदपुर, चान्हो, सोनाहातू, इटकी और चांडिल जैसे इलाकों में गुरुवार को दिनभर भारी बारिश होती रही। खूंटी जिले में निर्माणाधीन कुएं की मिट्टी धंसने से दो स्कूली छात्र उसमें दब गए। करीब 22 घंटे तक दबे रहने के बाद उनकी मौत हो गई। रांची में भी एक मिट्टी का मकान गिर गया जिससे 10 साल की बच्ची की जान चली गई।
चक्रधरपुर में एक महिला की मौत हुई और तीन बच्चे घायल हो गए। इसी दिन डीपीएस रांची के संगीत शिक्षक माइकल घोष जोन्हा फॉल घूमने गए थे लेकिन बारिश से उफनती धारा में बह गए। उन्होंने बहने से ठीक पहले एक सेल्फी भी ली थी। अभी तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है। चान्हो के बढ़ईया गांव में बारिश के कारण एक दीवार गिर गई जिससे एक बुजुर्ग की जान चली गई।
वहीं जामुदाग पंचायत में 7 से अधिक घर धराशाई हो गए जिससे लोग बेघर हो गए और खाने-पीने की दिक्कतें बढ़ गई हैं।गुरुवार को चांडिल डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 181.20 मीटर तक पहुंच गया। खतरे को देखते हुए इसके 7 फाटक खोल दिए गए जिससे स्वर्णरेखा नदी उफान पर आ गई और तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा गहरा गया। इसी तरह गेतलसूद डैम का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है जिसे देखते हुए विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को डैम के पास न जाने की हिदायत दी है।
इधर सोनाहातू प्रखंड के कई नदी-नाले उफान पर हैं और सतीघाट मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। ठाकुरगांव में एकैशि महादेव मंदिर के पास से बहने वाली भुर नदी भी खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं इटकी में चचगुरा से भंडरा जाने वाली सड़क का डाइवर्जन पानी में बह गया जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।राजधानी रांची की हालत भी गुरुवार को बेहद खराब रही।
रिम्स अस्पताल के बेसमेंट तक पानी घुस गया और यहां तक कि ऑपरेशन थियेटर में भी जलजमाव हो गया। कोल्हान के सबसे बड़े हॉस्पिटल MGM की भी छत टपक रही थी।कई घरों में पानी घुस गया, पुल और सड़कें डूब गईं और पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए। हर गली और मोहल्ला नाले जैसा लग रहा था जलप्रपातों ने खतरनाक रूप ले लिया है जिस कारण प्रशासन ने वहां जाने पर रोक लगा दी है।
ग्रामीण इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं और प्रशासन ने बचाव व राहत कार्य के लिए NDRF की टीम को तैनात कर दिया है।हालांकि गुरुवार की तबाही के बाद शुक्रवार की सुबह थोड़ी राहतभरी रही।
आज सुबह से बारिश नहीं हुई और कई इलाकों में हल्की धूप भी देखने को मिली है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है।