बार-बार झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पर उठ रहे हैं सवाल: रांची में 20%, तो चाईबासा में 63% शिक्षक नहीं…

Jharkhand: झारखंड की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों में है। हाल ही में आए जैक 10वीं के रिजल्ट ने चिंता बढ़ा दी है। भले ही इस बार रिजल्ट 1.31% बढ़ा हो, लेकिन कई जिलों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।रांची, गुमला, लोहरदगा, सरायकेला और चाईबासा जैसे जिले नीचे लुढ़क गए हैं। गुमला 7वें से 20वें, रांची 15वें से 21वें, लोहरदगा 18वें से 23वें और चाईबासा 22वें से आखिरी 24वें स्थान पर पहुंच गया है।
इन जिलों में शिक्षकों की भारी कमी है। रांची में 20%, गुमला में 37%, लोहरदगा में 42% और चाईबासा में 63% शिक्षक पद खाली हैं। ऐसे में अच्छे रिजल्ट की उम्मीद करना भी मुश्किल है।
स्कूलों में उपस्थिति घट रही है क्योंकि बच्चों को भरोसा ही नहीं कि पढ़ाई होगी। कई स्कूल सिर्फ 1-2 शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।मॉनिटरिंग की भी हालत खराब है। विभाग की निगरानी कमजोर है और अधिकारी शिक्षकों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं।
अब शिक्षा विभाग ने इन जिलों के डीईओ से जवाब मांगा है। हर साल की तरह रिपोर्ट और समीक्षा होगी लेकिन कोई ठोस बदलाव नहीं दिखता।रांची डीईओ का कहना है कि कुछ स्कूल CBSE में चले गए हैं इसलिए रिजल्ट गिरा। लेकिन क्या कुछ स्कूलों की वजह से पूरा जिला फेल हो सकता है?
अब सभी स्कूलों से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी गई है ताकि खराब प्रदर्शन की असली वजह समझी जा सके।
शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय सर्वे, वोटर लिस्ट और जनगणना जैसे कार्यों में लगा दिया जाता है जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है।सरकार को अब सिर्फ रिपोर्ट नहीं ठोस एक्शन लेना चाहिए। नहीं तो शिक्षा से कटते बच्चे, घटता एडमिशन और गिरता रिजल्ट झारखंड के भविष्य को अंधेरे में ले जाएगा।