अब बेकार मोबाइल बैटरी से होगा कैंसर का इलाज! Jamshedpur स्थित NML ने विकसित की अनोखी तकनीक…

Jamshedpur news: जमशेदपुर की National Metallurgical Laboratory (NML) ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित की है जो न सिर्फ पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी बल्कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज में भी मददगार साबित होगी। इस तकनीक के जरिए मोबाइल की खराब ली-आयन बैटरियों से कोबाल्ट धातु निकाली जाएगी जिसका उपयोग आगे चलकर रेडियोएक्टिव कोबाल्ट-60 बनाने में किया जाएगा। कोबाल्ट-60 का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में रेडियोथेरेपी के रूप में किया जाता है।
NML ने अपने ऑफिशियल टेक्नोलॉजी हैंडबुक में इस तकनीक की जानकारी साझा की है। इसमें बताया गया है कि मोबाइल बैटरियों से निकले लीच लिक्विड को खास तकनीक सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन, क्रिस्टलीकरण और इलेक्ट्रो-विनिंग की मदद से प्रोसेस कर शुद्ध कोबाल्ट धातु प्राप्त की जाती है।
कोबाल्ट-60 से निकलने वाली गामा किरणें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती हैं और यह तकनीक स्वर यंत्र, रक्त कैंसर जैसे कई कैंसर के इलाज में काम आती है। इसे कोबाल्ट थेरेपी या रेडियोथेरेपी भी कहा जाता है। यही नहीं इसका उपयोग खाद्य विकिरण (Food Irradiation) में भी होता है जिससे भोजन को जल्दी सड़ने से बचाया जा सकता है।
NML अब इस तकनीक को इंडस्ट्रियल स्तर पर उतारने की तैयारी में है और इसके लिए विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के साथ एमओयू करने जा रही है। इस तकनीक से उद्यम शुरू करने के लिए स्कटर-क्रशर, लीचिंग रिएक्टर, इलेक्ट्रो विनिंग सेल जैसे उपकरणों की जरूरत होगी और करीब 20 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी से इसका उत्पादन शुरू किया जा सकता है।