अब एंबुलेंस में लगेगा GPS ट्रैकर, मरीजों को समय पर मिलेगी मदद और चालकों पर भी रखी जाएगी नजर…

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Jharkhand: राज्य के सुदूर और ग्रामीण इलाकों में अब एंबुलेंस सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए सभी एंबुलेंस में GPS सिस्टम लगाने का फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है कि एंबुलेंस की लोकेशन को रीयल टाइम में ट्रैक किया जा सके ताकि मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके।

स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती या मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाया जाता है। इन शिकायतों को देखते हुए अब सभी एंबुलेंस की निगरानी GPS के जरिए की जाएगी।हाईकोर्ट ने भी एंबुलेंस में GPS लगाने का आदेश दिया था। इसके बाद यह फैसला तेजी से लागू किया जा रहा है।

जीपीएस की मदद से न सिर्फ कंट्रोल रूम और ट्रैफिक पुलिस एंबुलेंस को ट्रैक कर पाएंगे, बल्कि एंबुलेंस चालक भी नजदीकी अस्पताल की लोकेशन आसानी से जान सकेंगे।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर बैकअप एंबुलेंस भी रखी जाए। वहीं दुर्गम इलाकों में ‘एंबुलेंस सहायता समिति’ भी बनाई जाएगी जो एंबुलेंस की स्थिति और जरूरतों पर नजर रखेगी।

जहां-जहां एंबुलेंस अक्सर रास्ते में फंसती हैं उन क्षेत्रों की सूची बनाकर सड़क मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को जानकारी दी जाएगी। साथ ही एंबुलेंस में रस्सी, तख्ते जैसे जरूरी उपकरण भी रखे जाएंगे ताकि खराब सड़कों पर भी मरीजों को निकाला जा सके।

राज्य में डायल 108 सेवा के तहत फिलहाल करीब 350 एंबुलेंस चल रही हैं जिनमें कई निजी और NGO की भी हैं। GPS सिस्टम लगने के बाद एक्सीडेंट या इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को तेजी से सहायता मिल सकेगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग यह भी देख सकेगा कि कौन-सी एंबुलेंस कहां गई और कितने समय में पहुंची।