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MGM अस्पताल की लापरवाही से गई घायल युवक की जान, चौका में हुआ था सड़क हादसा…

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Jamshedpur news: ये कोई पहली घटना नहीं है एमजीएम अस्पताल की लापरवाही से जुड़ी खबरें पहले भी सामने आती रही हैं। जी हां एक बार फिर एमजीएम की लापरवाही ने एक ज़िंदगी छीन ली। जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में चल रही इमरजेंसी वार्ड की शिफ्टिंग के चलते इलाज में हुई देरी से एक घायल युवक की मौत हो गई। अस्पताल में आधा सामान नए बिल्डिंग में और आधा पुराने में है जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है।

यह हादसा सरायकेला-खरसावां जिले के चौका थाना क्षेत्र के पालगाम मोड़ पर बुधवार रात हुआ। बलिदी गांव का रहने वाला 21 साल का नीलकमल सिंह अपने दोस्त सत्यनारायण दास के साथ बाइक पर जा रहा था। तभी एक तेज रफ्तार टिप-ट्रेलर ने उन्हें टक्कर मार दी और भाग गया। नीलकमल बुरी तरह घायल हो गया।

परिवारवालों का कहना है कि एम्बुलेंस देर से पहुंची और उसमें ऑक्सीजन नहीं था। नीलकमल के भाई का आरोप है कि अगर समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

सत्यनारायण को एमजीएम अस्पताल लाया गया लेकिन वहां डॉक्टरों ने बताया कि जरूरी मशीनें और सामान दो अलग-अलग बिल्डिंगों में बंटे हुए हैं। अस्पताल में एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं थी और परिजनों से कहा गया कि वे खुद एम्बुलेंस का इंतजाम करें।

गनीमत रही कि कुछ जान-पहचान वालों ने निजी व्यवस्था कर घायल को दूसरे अस्पताल पहुंचाया। उधर पुलिस ने गुरुवार को नीलकमल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

इस घटना ने फिर एक बार एमजीएम अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है साथ ही लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है।

सच में सोचने वाली बात है आख़िर एक ही जगह में इतनी लापरवाही कैसे हो सकती है?