JSSC CGL घोटाला: 28 अभ्यर्थियों को पहले ही मिला था पेपर, बैंक खातों में पैसों के लेनदेन के मिले सबूत…

Jharkhand: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) CGL परीक्षा पेपर लीक मामले में CID की जांच में एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि मास्टरमाइंड शशिभूषण दीक्षित और अन्य आरोपियों के मोबाइल से 28 अभ्यर्थियों के नाम मिले हैं जिन्हें परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया था। सबसे हैरानी की बात यह है कि इन 28 में से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में सफल भी हो गए हैं।
CID को जांच के दौरान आरोपी शशिभूषण दीक्षित और मनोज कुमार के बैंक खातों में पैसों के ट्रांसफर के पुख्ता सबूत मिले हैं। शशिभूषण के खाते में 8 लाख रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई है जबकि मनोज कुमार के खाते में 1 लाख रुपये UPI के माध्यम से आए हैं। इतना ही नहीं आरोपी कुंदन कुमार की पत्नी के बैंक खाते में भी संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है।
जांच में यह भी सामने आया है कि परीक्षा से दो दिन पहले यानी 19 और 20 सितंबर 2024 को कुछ अभ्यर्थियों की लोकेशन नेपाल में ट्रेस हुई थी। CID अब यह पता लगाने में जुटी है कि जिन प्रश्नपत्रों को पहले ही उपलब्ध कराया गया, वे असली थे या नकली और इन अभ्यर्थियों का संपर्क आरोपियों से कैसे हुआ।
इस मामले में अब तक 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है। इस घोटाले की FIR राजेश कुमार द्वारा रातू थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसे बाद में CID ने टेकओवर किया। पेपर लीक से आहत और नाराज अभ्यर्थियों ने मामले की CBI जांच की मांग की है जो इस समय झारखंड हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
यह मामला न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है बल्कि उन काबिल और ईमानदार अभ्यर्थियों के भविष्य पर भी गहरा असर डाल सकता है जिन्होंने मेहनत के बल पर परीक्षा दी थी।