पेसा कानून लागू नहीं होने पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब…

Jharkhand: झारखंड में पेसा (PESA) कानून की नियमावली अब तक लागू नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि 29 जुलाई 2024 को दिए गए आदेश के बावजूद अब तक नियमावली लागू क्यों नहीं की गई। इस संबंध में बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि दो माह के भीतर नियमावली अधिसूचित की जाए। लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तत्कालीन पंचायती राज सचिव विनय कुमार चौबे को अवमानना नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और अभिषेक रॉय ने दलील दी कि 73वें संविधान संशोधन और पेसा कानून के तहत नियमावली बनाकर लागू करना अनिवार्य है।
राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ओमिया अनुशा ने अदालत को बताया कि नियमावली का मसौदा पहले ही जारी किया जा चुका है और उस पर आपत्तियाँ और सुझाव मांगे गए थे। अब नियमावली तैयार हो रही है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद अधिसूचित किया जाएगा।
पेसा (Panchayats Extension to Scheduled Areas Act) कानून 1996 में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया था। इसका उद्देश्य अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के स्वशासन और अधिकारों की रक्षा करना है। झारखंड में यह कानून आज तक लागू नहीं हो सका है।
2000 में झारखंड राज्य बनने के बाद कई बार नियमावली का ड्राफ्ट तैयार हुआ, वर्ष 2019 और 2023 में भी, लेकिन अब तक उसे लागू नहीं किया गया। इसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त 2025 को होगी। कोर्ट के कड़े रुख के बाद माना जा रहा है कि राज्य सरकार को अब नियमावली को शीघ्र लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।