कोविड-19 फिर से बढ़ा, देश में सक्रिय मामले 5,000 के पार, केरल, दिल्ली और बंगाल सबसे ज्यादा प्रभावित…

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Azad Reporter desk: शुक्रवार सुबह 8 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटे में 764 नए कोरोना मामले सामने आए हैं और 4 मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,364 हो गई है। केरल, दिल्ली और पश्चिम बंगाल इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल हैं।

सबसे ज्यादा 192 नए मामले केरल में सामने आए हैं इसके बाद गुजरात में 107, पश्चिम बंगाल में 58 और दिल्ली में 30 नए मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में शुक्रवार को 114 नए मामले सामने आए। इस साल जनवरी से अब तक राज्य में कुल 1,276 मामले और 18 मौतें हो चुकी हैं। पुणे में 44 और मुंबई में 37 नए केस मिले हैं वहीं मीरा-भायंदर और पनवेल में 7-7 मामले सामने आए।दिल्ली में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 592 हो गई है।

गुरुवार के बाद से राजधानी में कोई नई मौत दर्ज नहीं की गई है। पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को 58 नए मरीज मिले जबकि 91 लोग ठीक हुए। राज्य में अब कुल 596 सक्रिय मामले हैं और अब तक केवल एक मौत हुई है।

छत्तीसगढ़ में भी कोरोना मामलों में उछाल देखा गया है। हाल ही में 1,183 लोगों की जांच की गई जिनमें से 50 लोग संक्रमित पाए गए हैं। हरियाणा में शुक्रवार को 31 नए केस मिले जिनमें गुरुग्राम और फरीदाबाद से सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। राज्य में फिलहाल 87 सक्रिय मामले हैं और कुल 151 संक्रमित पाए गए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामलों में लक्षण बेहद हल्के हैं और मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि वायरस अब स्थानिक (एंडेमिक) हो चुका है और समय-समय पर हल्की लहरें आ सकती हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 5 जून को देशभर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल करवाई, ताकि कोविड मामलों से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया जा सके।

सभी राज्यों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।2 और 3 जून को स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के साथ तकनीकी समीक्षा बैठकें की गईं जिसकी अध्यक्षता डीजीएचएस डॉ. सुनीता शर्मा ने की। बैठक का उद्देश्य वर्तमान कोविड स्थिति का आकलन और तैयारियों की समीक्षा करना था।

सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, अस्पतालों में भर्ती हर SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) मामले की जांच की जा रही है, वहीं ILI (इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण) वाले 5 फीसदी मामलों की भी जांच की जा रही है। इनमें से पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईसीएमआर नेटवर्क में भेजा जा रहा है।गौरतलब है कि मई 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की सूची से हटा दिया था।

अब विशेषज्ञ इसे मौसमी, स्थानिक और सीमित क्षेत्रों में रहने वाला संक्रमण मानते हैं। फिर भी जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और लक्षणों के नजर आते ही जांच करवाएं।