झारखंड में मंत्री हफ़ीजुल हसन की उर्दू में शपथ पर विवाद, बीजेपी नेता ने उठाए सवाल

By Desk 2 Zaid Rahman
झारखंड के मंत्री हफ़ीजुल हसन द्वारा उर्दू में शपथ लेने को लेकर राजनीतिक विवाद गहरा गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए इस पर आपत्ति जताई, यह सवाल उठाते हुए कि मंत्री को अपनी देश की प्रमुख भाषा हिंदी में शपथ लेने में क्यों कठिनाई हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि उर्दू को टारगेट क्यों किया जा रहा है, जबकि भारत में संविधान के तहत 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है।
अभय सिंह की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे उर्दू भाषा को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया। हफ़ीजुल हसन का कहना है कि उर्दू उनकी मातृभाषा है, और इसमें शपथ लेना उनका अधिकार है। इस बयान ने उर्दू को लेकर फिर से एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जिसमें यह सवाल उठता है कि क्या यह बयान उर्दू भाषा को नकारने की कोशिश है या सिर्फ एक सियासी बयान है।
वहीं, झारखंड में उर्दू भाषा को लेकर हेमंत सोरेन की उदासीनता भी चर्चा का विषय रही है। पिछले पांच वर्षों में ना तो उर्दू शिक्षकों की बहाली हुई है, और ना ही उर्दू अकादमी का गठन हुआ है, जो इस मुद्दे को और गर्म करता है।