नई शिक्षा नीति के तहत झारखंड में बड़ा बदलाव: इंटरमीडिएट के 2.5 लाख छात्रों को मिलेगा नए स्कूलों में दाखिला, सरकार ने बनाई समिति…

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Jharkhand: झारखंड में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे करीब 2.5 लाख छात्रों के भविष्य को लेकर संकट खड़ा हो गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार इन छात्रों को प्लस टू (उच्च माध्यमिक) स्कूलों में दाखिला देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।यह संकट राज्यपाल के एक आदेश के बाद सामने आया है। इस आदेश में कहा गया है कि डिग्री कॉलेजों में अब इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी जो कि नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप है।

नई नीति के अनुसार, 2026 तक इंटरमीडिएट की पढ़ाई को पूरी तरह स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।रामदास सोरेन ने कहा, “राज्यपाल के आदेश के बाद डिग्री कॉलेजों ने इंटरमीडिएट छात्रों को दाखिला देने से मना कर दिया है जिससे लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।”

सरकार ने पहले ही कुछ सेकेंडरी स्कूलों को प्लस टू स्कूलों में बदला है लेकिन यह संख्या अब भी काफी कम है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई है जिसकी अध्यक्षता खुद शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन कर रहे हैं।

यह समिति निजी इंटर कॉलेजों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बदलने के विकल्प पर कानूनी सलाह ले रही है। साथ ही राज्य में ऐसे स्कूलों की पहचान की जा रही है जिन्हें प्लस टू स्तर पर अपग्रेड किया जा सकता है।

छात्रों को थोड़ी राहत देने के लिए मंत्री ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) को दाखिले की आखिरी तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया है। यह कदम अस्थायी तौर पर छात्रों को राहत देगा जब तक कि स्थायी समाधान नहीं निकलता।