झारखंड में नशे के खिलाफ बड़ा अभियान!!10 जून से शुरू हुआ राज्यव्यापी नशा मुक्ति कार्यक्रम, 26 जून को होगा खत्म 10,134 दवा दुकानों में से 4,000 से ज़्यादा पर लगे CCTV…

Jharkhand: झारखंड सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 10 जून से शुरू हुआ यह नशा मुक्ति अभियान 26 जून को रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य समापन के साथ पूरा होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफ़ान अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है और इसी दिशा में यह अभियान चलाया जा रहा है।
प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यशाला में स्वास्थ्य मंत्री ने मादक पदार्थों से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया और उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को नशा मुक्त भारत की शपथ भी दिलाई। इसके बाद उन्होंने प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जो सभी जिलों में जाकर लोगों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि झारखंड के 10,134 दवा दुकानों में से 4,000 से अधिक में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं और शेष में लगाने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि नशा सभी बीमारियों की जड़ है और खासतौर पर युवा वर्ग इसके चपेट में आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहा है। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रांची और खूंटी जैसे जिलों में अफीम की खेती पर रोक लगाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है और इस साल उसका पांच गुना विनष्टीकरण किया गया है। जल्द ही झारखंड को रिम्स-2, छह नए मेडिकल कॉलेज और दो टेस्टिंग लैब की सौगात भी दी जाएगी।
कार्यक्रम में मौजूद अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने कहा कि नशे की लत समाज में कैंसर की तरह फैल रही है और इससे निपटने के लिए जनजागरूकता बेहद जरूरी है। सिर्फ कानून से नहीं बल्कि स्कूल स्तर से बच्चों को जागरूक करना होगा।
गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कहा कि नशा न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि समाज में अपराध और घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं को भी बढ़ा रहा है। उन्होंने बताया कि अफीम की खेती को खत्म करने के लिए इस बार प्रशासन ने बड़ा अभियान चलाया और सभी विभागों को मिलकर इस दिशा में लगातार काम करना होगा।सरकार की मंशा साफ है नशा मुक्त झारखंड की ओर एक मजबूत और समर्पित कदम।