केवल नवमी में पढ़ने वाले बच्चे ने लगा ली फांसी, आखिर क्या हो रहा है हमारे देश के बच्चों के साथ? आखिर क्यों 14 साल की उम्र में आ रहा है मौत को गले लगाने का ख्याल?…

West Singhbhum: पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर में स्थित RTC स्कूल में शनिवार की शाम एक दर्दनाक घटना सामने आई। 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले 14 वर्षीय छात्र सौरभ ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सौरभ झारखंड के आनंदपुर का रहने वाला था और SC हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
बताया जा रहा है कि शनिवार को सौरभ स्कूल और ट्यूशन गया था। ट्यूशन से लौटने के बाद जब बाकी छात्र खेलने चले गए तो वह अकेला रह गया। शाम करीब 6:30 बजे उसके रूममेट संतोष नाग वापस लौटा तो कमरा अंदर से बंद था। कई बार दरवाज़ा खटखटाने के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो संतोष ने दरवाज़े की दरार से झांका अंदर सौरभ का पैर हवा में झूलता दिखा।
संतोष ने तुरंत बाकी छात्रों और स्कूल प्रबंधन को सूचना दी। दरवाज़ा तोड़ा गया और सौरभ को बाहर निकालकर मनोहरपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही DSP जयदीप लकड़ा और थाना प्रभारी अमित खाखा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की है।
स्कूल के 26 साल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी छात्र ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया हो। इस घटना के बाद पूरा स्कूल परिसर शोक में डूब गया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है और उन्होंने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 14 साल की उम्र में ही कोई बच्चा फांसी लगाने जैसा खतरनाक कदम क्यों उठाता है? और फंदा बनाना, पंखे से लटकना ये सब सीख कहां से रहा है? ये सोच बच्चों के मन में आ कहां से रही है? क्या यह मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया का असर है, या फिर अकेलापन, पढ़ाई का दबाव, या कुछ और?