विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप: रिकर्व में फिर निराशा, गाथा हारीं, कंपाउंड तीरंदाजों ने रचा इतिहास…

विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत को रिकर्व वर्ग में एक बार फिर निराशा झेलनी पड़ी। भारत की आखिरी उम्मीद 15 वर्षीय गाथा खड़के भी प्री-क्वार्टर फाइनल में ओलंपिक चैंपियन कोरिया की लिम सी-ह्योन से 6-0 से हार गईं। इससे भारत का रिकर्व अभियान बिना पदक के समाप्त हो गया।
गाथा अपने दूसरे सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उतरी थीं और निडर होकर खेलीं। हालांकि दुनिया की नंबर-1 कोरियाई तीरंदाज ने शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा और भारतीय किशोरी को कोई मौका नहीं दिया। एकतरफा हार के बावजूद गाथा का प्रदर्शन भविष्य के लिए उम्मीद जगाता है।
इस बार दिग्गज तीरंदाज दीपिका कुमारी और धीरज बोम्मदेवरा भी जल्द बाहर हो गए। दीपिका को पहले ही दौर में इंडोनेशिया की डायनांदा चोइरुनिसा ने हराया जबकि धीरज ओलंपिक चैंपियन मेटे गाजोज से हारकर बाहर हो गए। लगातार तीसरी बार भारत की रिकर्व टीम खाली हाथ लौटी है।
जहां रिकर्व में निराशा मिली वहीं कंपाउंड तीरंदाजों ने भारत की लाज बचाई। ऋषभ यादव, प्रथमेश फुगे और अमन सैनी की तिकड़ी ने पुरुष टीम स्पर्धा में देश को पहला ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाया। इसके अलावा ऋषभ यादव और ज्योति सुरेखा वेन्नम की जोड़ी ने मिश्रित टीम में रजत पदक जीता।


