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22 सितम्बर से जीएसटी 2.0: आम आदमी को राहत, पान मसाला और मीठे पेय पर 40% टैक्स

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Azad reporter desk : केंद्र सरकार ने जीएसटी व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। नए ढांचे में ज़्यादातर वस्तुएँ अब केवल दो दरों, 5% और 18% पर आएंगी, जबकि हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं को अलग श्रेणी में रखकर उन पर 40% कर लगाया गया है।पाप वस्तुओं में तंबाकू उत्पाद जैसे गुटखा, पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट और जर्दा शामिल हैं। इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक और मीठे जूस आधारित पेय, अत्यधिक चीनी और वसा वाले जंक फूड, बड़ी इंजन क्षमता वाली लग्जरी कारें, भारी मोटरसाइकिलें, यॉट और प्राइवेट जेट भी इसी श्रेणी में आएंगे।

शराब को पहले की तरह जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है और उस पर राज्यों द्वारा ही कर लगाया जाएगा।सरकार का कहना है कि ऊँचे कर का मकसद इन वस्तुओं की खपत कम करना और साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है। नई व्यवस्था के तहत दूध, रोटी, पनीर और जीवनरक्षक दवाओं जैसी ज़रूरी वस्तुएँ पूरी तरह कर-मुक्त होंगी। रोज़मर्रा की चीजें जैसे साबुन, शैम्पू, तेल और नाश्ता 5% पर आएँगे, जबकि टीवी, सीमेंट, साइकिल और छोटी कारों जैसी वस्तुओं पर 18% कर लगेगा।नई दरें 22 सितम्बर 2025 से लागू होंगी। तंबाकू उत्पादों पर फिलहाल टैक्स और सेस की पुरानी प्रणाली तब तक जारी रहेगी जब तक पिछले मुआवज़े का भुगतान पूरा नहीं हो जाता।

इस फैसले से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि ज़रूरी सामान सस्ते होंगे। उद्योग जगत को भी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, खासकर एफएमसीजी, ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी 2.0 से आने वाले महीनों में आर्थिक विकास दर 1% तक बढ़ सकती है और महंगाई में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि सरकार को लगभग 48,000 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है, लेकिन इसका कुल प्रभाव अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक माना जा रहा है।