दु’ष्कर्म मामले में जिला परिषद सदस्य को 10 साल की सजा, 5 हजार जुर्माना
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले की अदालत ने मंगलवार को जिला परिषद सदस्य और मजदूर नेता जॉन मिरन मुंडा को दुष्कर्म के मामले में 10 साल के कठोर कारावास और ₹5000 के जुर्माने की सजा सुनाई।यह मामला 2022 में मनोहरपुर थाना क्षेत्र का है। आरोप था कि जॉन मिरन मुंडा ने फरवरी 2022 में एक युवती को शादी और राजनीतिक प्रभाव का झांसा देकर बहलाया, उसे किराए के मकान में रखा और उसकी मर्जी के खिलाफ कई बार दुष्कर्म किया।
जब युवती गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने कथित तौर पर जबरन गर्भपात कराने के लिए दवाएं भी खिलाईं।इस घटना की प्राथमिकी 21 जून 2022 को दर्ज हुई थी। अभियोजन पक्ष ने वैज्ञानिक प्रमाणों और गवाही के आधार पर आरोपी को दोषी साबित किया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने 8 जुलाई 2025 को फैसला सुनाते हुए मुंडा को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।अदालत के इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है। यह मामला दिखाता है कि प्रभावशाली पद पर बैठे लोग भी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।