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धर्म परिवर्तन करने वालों को नहीं मिलना चाहिए आरक्षण : चंपाई सोरेन…

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Jharkhand news: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय साझा की है। उन्होंने आदिवासी समाज, धर्मांतरण और आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी है।चंपाई सोरेन ने अपने पोस्ट में 1967 में बाबा कार्तिक उरांव द्वारा संसद में प्रस्तुत डिलिस्टिंग प्रस्ताव का जिक्र किया है। इस प्रस्ताव में धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण से वंचित करने की मांग की गई थी। सोरेन ने कहा कि इस प्रस्ताव को तत्कालीन केंद्र सरकार ने संसदीय समिति को भेज दिया था जिसने 17 नवंबर 1969 को अपनी सिफारिशें दीं।

चंपाई सोरेन ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वालों को अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी परंपरा को त्यागने और अन्य धर्म अपनाने वालों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने यह मांग की कि सरकार को डिलिस्टिंग प्रस्ताव को फिर से लागू करना चाहिए।चंपाई सोरेन ने कांग्रेस पर आदिवासियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आदिवासी धर्म कोड को आदिवासियों पर गोलियां चलवाई गईं। धमांतरण को बढ़ावा देकर आदिवासी संस्कृति को कमजोर किया गया।

चंपाई सोरेन ने आदिवासी समाज से अपील की है कि वे अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए जागरूक हों। उन्होंने कहा कि अगर अभी नहीं जागे तो हमारी संस्कृति खत्म हो जाएगी।