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त्रिपुरा बना देश का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य, गोवा और मिजोरम के बाद रचा इतिहास…

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Azad Reporter desk: त्रिपुरा ने देश के शैक्षणिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए खुद को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करवा लिया है। सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक समारोह में इसकी औपचारिक घोषणा की। त्रिपुरा अब गोवा और मिजोरम के बाद देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जिसने 95% से अधिक साक्षरता दर हासिल कर ली है।

यह ऐलान अगरतला स्थित रवींद्र भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके को राज्य के लिए ऐतिहासिक और गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा “मिजोरम और गोवा के बाद त्रिपुरा का यह मुकाम हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। मैं उन सभी लोगों को बधाई देता हूं जिन्होंने इस लक्ष्य को पूरा करने में योगदान दिया।”

मुख्यमंत्री साहा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक ‘विकसित भारत’ का जो सपना देखा गया है, उसमें शिक्षा और साक्षरता की बड़ी भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि अब जब राज्य पूर्ण साक्षर बन गया है तो आगे लोगों को पढ़ने-लिखने की आदत बनाए रखते हुए कौशल विकास की ओर बढ़ना चाहिए।

शिक्षा मंत्रालय के वयस्क साक्षरता विभाग की निदेशक प्रीति मीणा ने भी त्रिपुरा सरकार की सराहना की। उन्होंने बताया कि ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) कार्यक्रम के तहत राज्य ने 23,184 अशिक्षित वयस्कों की पहचान की और उन्हें साक्षर बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि अब राज्य को चाहिए कि वह इन साक्षर हुए लोगों की शिक्षा को आगे बढ़ाने डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास पर भी जोर दे।

बता दें कि त्रिपुरा की साक्षरता दर 1961 में केवल 20.24% थी जो अब बढ़कर 95.6% हो गई है। इसी के आधार पर इसे पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा मिला है। ULLAS कार्यक्रम 2022 में शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के गैर-साक्षर व्यक्तियों को पढ़ना, लिखना, गणित और जीवन कौशल सिखाना है।