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हज़ारों की हुंकार! दलमा क्षेत्र में उजाड़े जाने के खिलाफ आदिवासियों का जमशेदपुर में DC कार्यालय के सामने ज़ोरदार प्रदर्शन…

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Jamshedpur news: दलमा इलाके में रह रहे आदिवासी और परंपरागत वनवासी परिवारों को उजाड़ने की कोशिशों के खिलाफ मंगलवार 1 जुलाई को जमशेदपुर में ज़बरदस्त विरोध देखने को मिला। दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच (कोल्हान) के नेतृत्व में DC कार्यालय के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शन का मुख्य कारण यह था कि सरकार दलमा को “इको-सेंसिटिव ज़ोन” घोषित करने जा रही है जिससे हज़ारों लोगों को अपने घरों और ज़मीन से हटाया जा सकता है। प्रदर्शनकारी लोगों का कहना था कि उन्हें पीढ़ियों से जिस ज़मीन पर वे रह रहे हैं अब वहीं से हटाया जा रहा है।

पटमदा, चांडिल, बोड़ाम, डिमना, घाटशिला, मुसाबनी जैसे इलाकों से हज़ारों ग्रामीण अंबागान मैदान में इकट्ठा हुए और फिर रैली कर नारे लगाते हुए DC कार्यालय पहुंचे।

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इस रैली में महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। महिलाओं के हाथों में “हम वनवासी हैं बेघर नहीं होंगे” और “हम उजाड़े नहीं जाएंगे जंगल हमारा है” जैसे नारे लिखे बैनर थे।

ग्रामीणों ने ये आरोप लगाया कि जब वे उस ज़मीन पर पट्टा मांगते हैं जहां वे वर्षों से रहते हैं तो वन विभाग उन्हें टालता है और दूसरी जगह का पट्टा देने की बात करता है जहां वे कभी रहे ही नहीं। वहीं वक्ताओं ने कहा “हम यहीं पैदा हुए हमारे बाप-दादा भी यहीं रहे अब उसी जमीन के लिए हमसे कागज़ मांगे जा रहे हैं। ये सिर्फ कागज़ का नहीं हमारे जीवन और पहचान का सवाल है।”

प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगे थीं की इको-सेंसिटिव ज़ोन के नाम पर उजाड़ने की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए, किसी भी फैसले से पहले ग्रामसभा की अनुमति ली जाए, वन अधिकार कानून 2006 के तहत अधिकार देने की प्रक्रिया पारदर्शी हो और किसी को बेघर नहीं किया जाए बल्कि स्थायी अधिकार दिए जाएं और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो

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प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब देश में वनाधिकार कानून (FRA 2006) लागू है तो फिर पीढ़ियों से जंगल में रह रहे समुदायों को किस संविधान के तहत उजाड़ा जा रहा है? पर्यावरण की रक्षा की आड़ में अगर लोगों को उनकी जड़ों से काटा जा रहा है तो यह संरक्षण नहीं बल्कि एक और विस्थापन है।

इस विरोध में झारखंड ग्राम सभा सुरक्षा मंच, बिरसा सेना, आदिवासी जन मंच, स्वराज रिसर्च सेंटर, झारखंड जनतांत्रिक महासभा जैसे संगठनों ने हिस्सा लिया।