नौकरी बचाने और प्रोन्नति के लिए अब TET अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षकों की पुनर्विचार याचिका…

Azad Reporter desk: कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करना अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देशभर के शिक्षकों की चिंता बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा है कि शिक्षकों को दो साल के भीतर टीईटी पास करनी होगी अन्यथा उनकी नौकरी चली जाएगी।
फैसला उन शिक्षकों पर भी लागू होगा जिनकी नियुक्ति शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून लागू होने से पहले हुई थी। हालांकि जिनकी नौकरी की अवधि पांच साल से कम रह गई है, उन्हें बिना टीईटी नौकरी में बने रहने की छूट दी गई है। लेकिन उनके लिए भी शर्त रखी गई है कि प्रोन्नति पाने के लिए TET पास करना अनिवार्य होगा।
यूपी के शिक्षकों की ओर से बहस करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील राकेश मिश्रा ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। उनका कहना है कि जिन शिक्षकों की नौकरी में सिर्फ तीन से चार साल ही बचे हैं उन पर प्रोन्नति के लिए भी TET का दबाव डालना अनुचित है।
शिक्षकों का तर्क है कि कोर्ट को इस आदेश को लागू करने से पहले सभी राज्यों से स्थिति स्पष्ट कर आंकड़े लेने चाहिए थे ताकि यह देखा जा सके कि किन राज्यों में कितने शिक्षक प्रभावित होंगे। पुनर्विचार याचिका में यह भी मांग की जाएगी कि TET पास करने के लिए दिए गए दो साल की समयसीमा को बढ़ाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश लंबे समय से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों के सामने नई मुश्किल खड़ी कर रहा है। अब देखना होगा कि पुनर्विचार याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय क्या रुख अपनाता है।