REPORT: भारत में तेजी से फैल रही है ब्रेन फॉग! क्या है यह मानसिक चुनौती? क्यों बढ़ रहे हैं इसके मामले? और कैसे बचा जा सकता है इससे? जानें…

Azad Reporter desk/ Health& Tips: ब्रेन फॉग कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सोचने, समझने, ध्यान केंद्रित करने और चीजें याद रखने में परेशानी होती है। इसे मानसिक धुंधलापन (Mental Clouding) भी कहा जाता है। इसमें ऐसा लगता है जैसे दिमाग में धुंध छा गई हो आप चीजें सोच तो रहे हैं लेकिन स्पष्ट नहीं हो पा रही होतीं।
विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेन फॉग के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे—
- नींद की कमी – पर्याप्त नींद न लेना मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सीधे प्रभावित करता है।
- तनाव और चिंता (Stress & Anxiety) – लगातार चिंता में रहने से दिमाग पर दबाव बनता है।
- खराब खानपान – विटामिन B12, D, आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी से दिमाग की सक्रियता कम हो जाती है।
- हार्मोनल असंतुलन – विशेषकर महिलाओं में मेनोपॉज़ के दौरान।
- कुछ दवाइयों और बीमारियों का असर – जैसे थायरॉयड की समस्या, फाइब्रोमायल्जिया, डायबिटीज़ आदि।
- कोविड का असर (Long COVID) – कोविड से उबरने के बाद लंबे समय तक ब्रेन फॉग देखा गया है।
कोविड-19 पहली बार भारत में 2020 में आया। 2020 से 2025 यानी पिछले 5 वर्षों में खासकर कोविड से उबर चुके मरीजों में ब्रेन फॉग के लक्षण सबसे अधिक देखे गए। वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार Long COVID से प्रभावित 40 करोड़ से ज्यादा मरीजों में 10% से 50% तक में ब्रेन फॉग के लक्षण पाए गए। भारत में भी लाखों लोग विशेषकर युवा और कामकाजी वर्ग, इस समस्या से प्रभावित हुए हैं।
कोविड के बाद लोगों की जीवनशैली बहुत प्रभावित हुई नींद, मानसिक तनाव, खानपान में गड़बड़ी और डिजिटल स्क्रीन पर समय बिताना बढ़ गया। अधिकतर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते जबकि यह परेशानी धीरे-धीरे याददाश्त और आत्मविश्वास दोनों को कमजोर कर सकता है।
ब्रेन फॉग के लक्षण—
- सोचने में धीमापन
- शब्दों को याद करने या सही बोलने में कठिनाई
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- बार-बार चीजें भूल जाना
- निर्णय लेने में दिक्कत
ब्रेन फॉग से बचने के 5 आसान उपाय—
- नींद पूरी करें (7–8 घंटे हर दिन)
रात में समय पर सोने और सुबह तय समय पर उठने की आदत बनाएं। सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें। - तनाव से निपटें
मेडिटेशन, योग और व्यायाम करें। किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करना भी बहुत मदद करता है। - संतुलित और पोषक आहार लें
विटामिन B12, D, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड को डाइट में शामिल करें।जंक फूड से दूरी बनाएं। - डिजिटल डिटॉक्स करें
मोबाइल, लैपटॉप, टीवी से समय-समय पर ब्रेक लें। हर 1 घंटे पर आंखें और दिमाग को आराम दें। - मानसिक अभ्यास करें
किताबें पढ़ें, शब्दों के खेल खेलें, पहेलियाँ हल करें। कुछ नया सीखने की कोशिश करते रहें जैसे नई भाषा, संगीत या कला।
ब्रेन फॉग आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी का एक बड़ा साइलेंट खतरा बन चुका है खासकर भारत जैसे देश में जहां कोविड के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात नहीं होती। 2020 के बाद से यह स्थिति और भी गंभीर हुई है। अगर समय रहते लाइफस्टाइल में सुधार कर लिया जाए तो इससे आसानी से निपटा जा सकता है।
अगर आप भी ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे बातें भूलने लगे हैं या दिमाग भारी-भारी सा रहता है तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ब्रेन फॉग हो सकता है जिससे लड़ना मुमकिन है बस जरूरत है समझदारी और सजगता की।