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आउटसोर्स कर्मचारियों को भी मिले न्यूनतम वेतन, हाईकोर्ट ने सरकार को दिए 8 हफ्ते में आदेश लागू करने के निर्देश…

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Jharkhand: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह न्यूनतम वेतन दिया जाए। यह अहम फैसला जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने मंगलवार को सुनाया।

यह आदेश बिमल कुमार ठाकुर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें पहले दैनिक वेतन पर काम दिया गया था लेकिन बाद में उन्हें ठेकेदार के अधीन आउटसोर्स के रूप में काम पर लगाया गया। उनका काम स्थायी कर्मचारियों जैसा ही है लेकिन वेतन बहुत कम मिलता है।

याचिका की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर ने सुप्रीम कोर्ट के जगजीत सिंह केस का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए।

सरकार की ओर से कहा गया कि कर्मचारी की नियुक्ति ठेकेदार ने की है और वेतन भी वही देता है इसलिए राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं है। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि न्यूनतम वेतन का अधिकार सभी कर्मचारियों को है चाहे वे किसी माध्यम से नियुक्त हुए हों।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों और नियमित कर्मचारियों के बीच भेदभाव करना गलत है। सभी को समान वेतन मिलना चाहिए खासकर जब वे समान काम कर रहे हों।

कोर्ट ने सरकार को 8 सप्ताह के अंदर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। यह मामला जल संसाधन विभाग से जुड़ा हुआ है लेकिन इसका असर राज्यभर के सभी आउटसोर्स कर्मचारियों पर पड़ेगा।