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Jamshedpur: ADL सोसाइटी में नहीं थम रहा विवाद, पूर्व महासचिव मजी रवि कुमार ने लगाए गंभीर आरोप…

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Jamshedpur news: जमशेदपुर में एडीएल सोसाइटी को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को कदमा स्थित मंगल सिंह क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व महासचिव मजी रवि कुमार ने मौजूदा कमेटी और खासकर वाई ईश्वर राव पर कई गंभीर आरोप लगाए।

रवि कुमार ने कहा कि तेलुगु समाज की शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं में जो भी विवाद हैं उनके पीछे वाई ईश्वर राव का ही हाथ है। उन्होंने कहा कि ईश्वर राव दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकें। उनके अनुसार ईश्वर राव ने अपने 15 साल के कार्यकाल में कितनी AGM कराई और कितने ऑडिट कराए इस पर भी सवाल उठते हैं।

रवि कुमार ने आरोप लगाया कि हाल ही में हिंदी मीडियम मध्य विद्यालय में जो शिक्षकों की नियुक्ति हुई वह पूरी तरह नियमों के खिलाफ हुई। विद्यालय प्रमुख को प्रक्रिया से बाहर रखा गया और 7 शिक्षकों की बहाली मनमाने ढंग से की गई। इनमें से 2 तेलुगु भाषी उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र को जानबूझकर गलत ठहराकर उनका चयन रद्द करवाया गया। यह सब ईश्वर राव की निगरानी में हुआ उन्होंने कहा।

रवि कुमार ने “मिट्टी घोटाले” को झूठा बताया और कहा कि काम समिति की सहमति से शुरू हुआ था लेकिन बाद में कुछ आपत्तियों के चलते रुका। चार AC की खरीद का भी पूरा बिल संस्था के पास है।

उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में 2.80 करोड़ की लागत से प्रस्तावित ऑडिटोरियम अब 13 करोड़ में बनाया जा रहा है। क्या इसके लिए सदस्यों की अनुमति ली गई?

रवि कुमार ने आरोप लगाया कि तेलुगु समाज की जिन संस्थाओं जैसे एडीएल सोसाइटी, आंध्र भक्त कोलट समाजम, सेंट्रल तेलुगु फेडरेशन, झारखंड तेलुगु सेना में विवाद और विघटन हुआ है उसके पीछे एक ही चेहरा है वाई ईश्वर राव।

रवि कुमार ने कहा कि उनकी टीम तीन वजहों से AGM का विरोध कर रही है:

  1. 20 नवंबर 2022 को मौजूदा कमेटी भंग हो चुकी थी।
  2. 15 जून 2025 को चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन उसे ईश्वर राव की टीम ने हाई कोर्ट से रुकवा दिया।
  3. SDO के निर्देश पर जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी जिसे भी विपक्ष ने रुकवा दिया।

अंत में रवि कुमार ने कहा कि उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और उन्होंने बिंदुवार जवाब देकर अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि तेलुगु समाज की एकता के लिए सच्चाई का सामने आना जरूरी है।