जमशेदपुर विभागीय फंडिंग के बावजूद तीन माह से स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं मिला रहा वेतन क्यों हो रही है देरी?

Jharkhand: पूर्वी सिंहभूम जिले के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई कर्मचारी बीते तीन माह से वेतन से वंचित हैं। जिला यक्ष्मा कार्यालय, फाइलेरिया विभाग, कुष्ठ नियंत्रण कार्यालय समेत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत कार्यरत कई संविदा कर्मियों को अब तक वेतन नहीं मिला है। खास बात यह है कि संबंधित विभाग द्वारा वेतन फंड में बजट फंडिंग कर दिया गया है फिर भी वेतन भुगतान में देरी की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है।
इस गंभीर स्थिति को लेकर शुक्रवार को झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपते हुए जल्द वेतन दिलाने की मांग रखी। महासंघ के महामंत्री रवींद्र नाथ ठाकुर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि 10 दिनों के भीतर वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो जिले भर के कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।उन्होंने कहा कि लगातार तीन माह से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। कई कर्मचारियों को घर का किराया बच्चों की फीस और जरूरी घरेलू खर्चों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह समस्या सिर्फ जमशेदपुर तक सीमित नहीं है The Jharkhand Source के एक रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड के धनबाद जिले स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SNMMCH) में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को भी पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। इसको लेकर पूरे राज्य के डॉक्टर संगठनों में नाराजगी है और वे आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं। इसी तरह Live हिंदुस्तान के रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को भी स्थायीत्व, समान वेतन और समय पर वेतन की मांग को लेकर वर्षों से संघर्ष करना पड़ रहा है। कई बार ज्ञापन सौंपे गए, आंदोलन हुए, लेकिन उनकी मांगें अब तक अनसुनी बनी हुई हैं।
जमशेदपुर से लेकर राज्य भर के विभिन्न जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलना एक गंभीर प्रशासनिक विफलता की ओर इशारा करता है। यह मामला अब और ज़रूरी हो गया है कि जब बजट फंडिंग हो चुका है तो आखिरकार भुगतान में देरी की वजह क्या है?अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो यह संकट स्वास्थ्य व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है।

