झारखंड में पहली बार कक्षा 1 से 8 तक की मुफ्त किताबों का होगा मूल्यांकन, जेसीईआरटी ने शुरू की नई तैयारी…

Jharkhand: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को हर साल जो मुफ्त किताबें दी जाती हैं अब पहली बार उन किताबों के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा। यह निर्णय झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (JCERT) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया है।
बैठक में तय किया गया कि मूल्यांकन रिपोर्ट अगली बैठक में पेश की जाएगी ताकि यह समझा जा सके कि इन किताबों से बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ा है। इसके लिए JCERT ने काम शुरू कर दिया है।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में बच्चों को हर साल मुफ्त किताबें दी जाती हैं। इसमें 60% खर्च केंद्र सरकार और 40% खर्च राज्य सरकार करती है। कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को राज्य बजट से किताबें दी जाती हैं।
कक्षा 1 से 8 तक की किताबें JCERT द्वारा तैयार की जाती हैं और उनकी छपाई निजी प्रिंटरों से कराई जाती है।
कक्षा 9 से 12 तक की किताबों के लिए हर साल NCERT से कॉपीराइट लिया जाता है और फिर प्रिंट कराया जाता है।
किताबों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद पूरी करती है।
JCERT इस मूल्यांकन के जरिए ये जानना चाहता है –
•क्या बच्चों को समय पर किताबें मिलीं?
•किताबें मिलने से बच्चों के शैक्षणिक स्तर में कितना सुधार हुआ?
•इससे स्कूलों में नामांकन बढ़ा या ड्रॉपआउट घटा?
मूल्यांकन की रिपोर्ट से योजना की कमियों को पहचाना जाएगा और उसे और बेहतर बनाया जाएगा ताकि झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को और अच्छी शिक्षा मिल सके।