Big Fraud! 23 फर्जी कंपनियां, 150 बैंक अकाउंट, कौन है विनोद सहाय जिसने किया 512 करोड़ का GST घोटाला…

Azad Reporter desk: मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़े GST घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड विनोद सहाय नाम का व्यक्ति है जिसे रांची से गिरफ्तार किया गया है। उस पर 512 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग और 130 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की धोखाधड़ी का आरोप है।
EOW ने इस मामले में अपराध क्रमांक 102/25 के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल विनोद सहाय को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर जबलपुर लाया गया है और वह 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रहेगा।
2009 से कर रहा था आर्थिक अपराध
जांच में सामने आया है कि विनोद सहाय पिछले 15 वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहा था। वह कभी एन.के. खरे तो कभी नी इन सोनकर जैसे नामों का इस्तेमाल करता था। उसने फर्जी पहचान और नकली दस्तावेजों की मदद से कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं।
EOW ने अब तक 23 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है जिनमें से 14 कंपनियां विनोद सहाय के नाम पर हैं और 9 उसके साथियों के नाम पर। इन कंपनियों का कोई वास्तविक कारोबार नहीं था। न इनके पास माल था न गोदाम और न ही माल ढुलाई का कोई रिकॉर्ड।
इन कंपनियों का मकसद सिर्फ फर्जी बिल बनाना GST बचाना और ITC का गलत फायदा उठाना था। जांच में यह भी सामने आया है कि इन कंपनियों ने बिना किसी माल की आपूर्ति के फर्जी चालान जारी किए।
घोटाले में शामिल कंपनियां झूठे दस्तावेज, डमी मालिकों और फर्जी बैंकिंग लेनदेन का सहारा लेती थीं ताकि पैसों को इधर-उधर किया जा सके। इन कंपनियों के खिलाफ कोई ठोस स्टॉक, गोदाम या बैंकिंग सबूत नहीं मिला है।
जांच में कुछ मुख्य कंपनियों का नाम सामने आया है। इनमें जगदंबा कोल रिसोर्स का नाम प्रमुख है। इस कंपनी ने 50 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए और 18 करोड़ रुपये का ITC क्लेम किया।
इस घोटाले ने सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। ईओडब्ल्यू अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश जारी है।