झारखंड कैबिनेट की बैठक में 12 बड़े फैसले, कई योजनाओं और विभागीय बदलावों पर लगी मुहर…

Jharkhand: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई झारखंड कैबिनेट की अहम बैठक में कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये फैसले राज्य के प्रशासनिक, सामाजिक और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे।
बैठक के बाद जो प्रस्ताव पारित हुए हैं झारखंड कैबिनेट के 12 बड़े फैसले—
1. झारखंड नगरपालिका संवेदक नियमावली में संशोधन:अब राज्य में काम करने वाले किसी भी संवेदक (Contractor) का GST पंजीकरण अनिवार्य रूप से झारखंड में ही होना चाहिए।
2. नल-जल योजना में संशोधन: गढ़वा जिला की शहरी पेयजलापूर्ति योजना के लिए आवंटित राशि को बढ़ाया गया है।
3. JSMDC में नई नियुक्ति:झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC) के पदेन अध्यक्ष के तौर पर खनन एवं भूतत्व विभाग के सचिव को नियुक्त करने की स्वीकृति मिली।
4. चिकित्सकीय पदों का हस्तांतरण:राज्य के करगारों (जेलों) में पहले से सृजित चिकित्सकों के पदों को अब स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है।साथ ही जेलों में डॉक्टरों की नियुक्ति अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी।
5. गिग वर्करों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन: ओला-उबर, जोमैटो और अन्य गिग कंपनियों में काम कर रहे श्रमिकों के लिए “श्रमिक कल्याण बोर्ड” बनाया जाएगा। यह प्रस्ताव आगामी विधानसभा सत्र में भी पेश होगा।
6. दो कॉलेजों में शिक्षकों की बहाली: दो उच्च शिक्षा संस्थानों में 85-85 शिक्षकों के नए पद स्वीकृत किए गए हैं।
7. कन्या महाविद्यालय की शिक्षिकाओं की बहाली: राज्य के कन्या कॉलेजों से हटाई गई सहायक शिक्षिकाओं को पुनः बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
8. नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए स्टाफिंग: नए बने इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई।
9. पाकुड़-बरहरवा पथ निर्माण को हरी झंडी:पाकुड़ से बरहरवा तक सड़क निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है जिससे क्षेत्रीय संपर्क बेहतर होगा।
10. अवैध खनन के खिलाफ सख्ती:इलीगल माइनिंग के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार (Power to Penalize) सरकार को मिला है।
11. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पुनर्गठन: गैर-जरूरी पदों को समाप्त कर पीआरडी विभाग में 36 नए पदों का सृजन किया गया है।
12. राज्य योजनाओं में प्रशासनिक सरलता: विभिन्न योजनाओं के संचालन को अधिक व्यावहारिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई नीतिगत निर्णय लिए गए।
इन फैसलों से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड सरकार न सिर्फ बुनियादी सुविधाओं और शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है बल्कि गिग इकॉनमी, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधारों को भी प्राथमिकता दे रही है। आगामी विधानसभा सत्र में इन नीतियों का व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।