एमजीएम अस्पताल में इस बड़े हादसे का जिम्मेदार कौन, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता या वर्तमान मंत्री इरफान अंसारी ?
Jamshedpur:- दर्द की चीख से गूंज उठा जमशेदपुर का एमजीएम अस्पताल, मलबे के अंदर फंसे मरीज, हर तरह सिर्फ और सिर्फ दिखा डर का मंज़र

जमशेदपुर के कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आज एक दुखद घटना घटी, जहां मेडिसिन बी ब्लॉक की छत अचानक ढह गई। इस हादसे में कुछ लोगों के मलबे में दबने की आशंका जताई गई है, हालांकि वहां मौजूद लोगो द्वारा एक महिला को सुरक्षित मलबे से निकाल लिया गया, जिसका इलाज चल रहा है। कुछ अन्य घायल व्यक्तियों को भी तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई।सूत्रों के अनुसार, मलबे में अभी दो से तीन लोग फंसे हो सकते हैं, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस हादसे ने जमशेदपुर की स्वास्थ्य सुविधा की पोल खोल दी हैं जिस अस्पताल में लोग खुद का इलाज कर सेहत्याब होने आते हैं उसी अस्पताल में अब लोग मौत का मंजर देख रहे हैं

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इस अस्पताल का निरीक्षण किया था मंत्री साहब अगर आपने निरीक्षण किया था तो फिर इस बिल्डिंग की नजर आप तक क्यों नहीं गई अगर गई थी तो आपने इसे खाली करने का आदेश क्यों नहीं दिया थादूसरी तरफ जब यह हादसा हुआ तो राहत कार्य में आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है जमशेदपुर सिविल डिफेंस समेत दूसरे संबंधित अधिकारी क्यों मौके पर वक्त में नहीं पहुंच पाई लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इस भवन को खाली कर लिया जाता या मरीजों को नए परिसर में स्थानांतरित कर दिया जाता, तो यह हादसा टाला जा सकता था

एमजीएम अस्पताल के इस बदहाली की ज़िम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता है आखिर उन्होंने अपने-अपने वक्त में क्यों इसे ठीक नहीं करवाया दूसरी तरफ तत्काल स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और हेमंत सोरेन से सवाल जरूर होना चाहिए कि आखिर नए अस्पताल भवन में शिफ्टिंग में कोताही क्यों बरती गई है


