SSC CGL CONTROVERSY: SSC Phase‑13 परीक्षा में अव्यवस्था, 31 जुलाई को दिल्ली में अभ्यर्थियों का फूटा गुस्सा…

Azad Reporter desk/ Education: देशभर में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की सिलेक्शन पोस्ट फेज‑13 भर्ती परीक्षा जो 24 जुलाई से 1 अगस्त तक आयोजित हो रही है इस बार भारी अव्यवस्था, तकनीकी खामियों और बार‑बार शिफ्ट रद्द होने के कारण देशभर के लाखों छात्रों के गुस्से का कारण बन गई है। सोशल मीडिया पर #SSCVendorFailure और #SSCMisManagement जैसे हैशटैग लगातार ट्रेंड कर रहे हैं और अभ्यर्थियों ने 31 जुलाई को दिल्ली में “दिल्ली चलो” अभियान के तहत जंतर‑मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।

परीक्षा के दौरान दिल्ली के पवन गंगा एजुकेशनल सेंटर‑2 में 24 से 26 जुलाई तक की सभी शिफ्ट्स बिना पूर्व सूचना “प्रशासनिक कारणों” से रद्द कर दी गईं और कर्नाटक के हब्बल्ली स्थित एजुकेसा इंटरनेशनल में 24 जुलाई की पहली शिफ्ट तकनीकी खराबी के कारण बीच में रोक दी गई। कुछ शिफ्ट्स को 28 जुलाई के बाद दोबारा कराने का नोटिस तो जारी हुआ लेकिन छात्रों का आरोप है कि इसकी सूचना समय पर नहीं मिली और जो उम्मीदवार 500 से 1000 किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचे थे उन्हें बिना परीक्षा दिए वापस लौटना पड़ा।

जिन केंद्रों पर परीक्षा हुई वहां भी उम्मीदवारों ने बताया कि सिस्टम बार‑बार हैंग हो रहा था सर्वर डाउन थे, माउस काम नहीं कर रहे थे, कमरे में पंखों की सुविधा नहीं थी, कुर्सियां टूटी थीं और भीषण गर्मी में बैठकर पेपर देना पड़ा। इतना ही नहीं इस बार SSC ने जिस निजी वेंडर को परीक्षा का ठेका दिया उसका रिकॉर्ड पहले भी विवादों से भरा रहा है और हाईकोर्ट में उस पर सवाल उठ चुके हैं लेकिन फिर भी उसी को जिम्मेदारी दी गई जिससे यह अव्यवस्था और बढ़ी।

अभ्यर्थियों की मांग है कि इस वेंडर को तुरंत हटाया जाए SSC अपनी खुद की इन‑हाउस परीक्षा प्रणाली तैयार करे रद्द हुई शिफ्ट्स के छात्रों को मुआवजा और दोबारा परीक्षा का मौका मिले और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाए। छात्रों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, 2018 में CGL Tier‑II पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी और CBI जांच चली थी वहीं पश्चिम बंगाल में SSC भर्ती घोटाले को लेकर भी बड़े स्तर पर आंदोलन हुए थे लेकिन इन घटनाओं से सबक न लेकर हर बार छात्रों का भविष्य दांव पर लगाया जा रहा है।

फिलहाल SSC ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है केवल कुछ शिफ्ट्स रद्द और पुनर्निर्धारण की अधिसूचनाएं वेबसाइट पर डाली हैं लेकिन लाखों अभ्यर्थी अब सिर्फ नोटिस नहीं बल्कि कड़े एक्शन और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।


