1000 करोड़ के अवैध खनन घोटाले में ईडी ने 8 आरोपियों और 2 कंपनियों पर दायर की चार्जशीट, मुख्य आरोपी दाहू यादव फरार…

Jharkhand: झारखंड के साहिबगंज जिले में हुए 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आठ व्यक्तियों और दो कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पांचवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट 30 जून 2025 को पीएमएलए की विशेष अदालत में दायर की गई।
चार्जशीट में मुख्य आरोपी के रूप में राजेश यादव उर्फ दाहू यादव का नाम शामिल है जो इस समय फरार है। उसके अलावा हीरा लाल भगत, नियम चंद्र शील, यश जालान और चार अन्य व्यक्तियों के नाम भी चार्जशीट में दर्ज हैं। साथ ही, रायदव ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड (जो दाहू यादव के परिवार द्वारा संचालित है) और कोलकाता की मरीन इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है।
ईडी की जांच में सामने आया है कि इस संगठित अपराध सिंडिकेट ने अवैध खनन, जबरन वसूली और खनिज परिवहन मार्गों पर कब्जा कर लगभग 1000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। जांच की शुरुआत 2020 में दर्ज की गई एफआईआर संख्या 85/2020 से हुई थी जिसमें पंकज मिश्रा के नेतृत्व में संगठित साजिश का खुलासा हुआ था।
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि इस सिंडिकेट ने साहिबगंज-मनिहारी नौका सेवा के लिए 8.52 करोड़ रुपये का फर्जी टेंडर हासिल किया। दाहू यादव अवैध रूप से इन नौका सेवाओं का संचालन करता था। वहीं कोलकाता की मरीन इंफ्रालिंक लॉजिस्टिक्स कंपनी और उसके निदेशक यश जालान पर 2.75 करोड़ रुपये के बदले जहाज उपलब्ध कराने का आरोप है।
चार्जशीट के अनुसार आरोपी नियम चंद्र शील ने यह स्वीकार किया है कि उसने खनन पट्टा हासिल करने के लिए पंकज मिश्रा के साथ मिलकर साजिश रची थी। हीरा लाल भगत के ठिकाने से 3.13 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है जबकि रायदव ट्रांसपोर्टेशन के बैंक खाते से 63.39 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं।
अब तक ईडी ने इस मामले में कुल 3.49 करोड़ रुपये की नकदी, एक अंतर्देशीय जहाज (एम.वी. इंफ्रालिंक-III), पांच स्टोन क्रशर मशीनें, दो टिपर ट्रक और 2.47 करोड़ रुपये की बैंक राशि जब्त की है। चार्जशीट में इन सभी संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग से अर्जित कर जब्त करने की सिफारिश की गई है।